@prakashchhatrodiya7989

परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
 - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7

@SurendraDas-z1q

जय हो सतगुरुदेव जी की,,🙏😇

@nikita_kashyap

Bandi chhor satguru Rampal ji Maharaj ji ki Jai ho 👏❤️❤️

@rajududi3421

रहस्यमयी अनमोल पवित्र वाणी।

@AmarBodra-du1xb

जय हो सतगुरुदेव जी की जय 🙏🙏🙏🙏

@HarpreetSingh-ux5zf

Puran parmatma Rampal Ji Bhagwan ki Jai ho 🙏🙏

@KameshwarDas-kx4jb

मालिक की दया से भोजन खाने से पहले बोले जाने वाली वाणी आज मानव समाज के लिए बहुत ही लाभ देने वाली है

@binduvishwakarma7478

मालिक दया से भोजन खाने से पहले बोली जाने वाणी आज मानव समाज के लिए बहुत लाभ देने वाली है

@DeepakChouhan-l3r

Sat sahib Malik

@KABIRKIRANNEWS

कोटि कोटि सिजदा करूं कोटि कोटि प्रणाम। 
चरण कमल में राखियों मै बांदी जाम गुलाम। ।

@jaikabirdev.123

💞वह कविर्देव(कबीर परमेश्वर)💞
💞🍁जो सर्वशक्तिमान,जगत् पिता, सर्व सृष्टि रचनहार,कुल मालिक तथा पाप विनाशकव काल की कारागार से छुटवाने वाला अर्थात् बंदी छोड़ है।🍁💞
🙏🙏Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏 Sat Saheb Ji 🙏🙏🙏🙏Sat Saheb Ji 🙏🙏🌹🌹🌹🌹

@daljeetkour23

दुनिया में एकमात्र संत, संत रामपाल जी महाराज जी ही है जो सतभक्ति प्रदान कर रहे है।

@JyotiBhagatmati

संत रामपाल जी महाराज जिन्होंने वास्तविक भक्ति का सच्चा मार्ग बताया है जो सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार है।संत रामपालजी महाराज ने शास्त्रों में से ऐसे अद्भुत रहस्य खोले हैं जिनसे आज तक हम अनजान थे।💯💯🙏🙏

@kishandas839

आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही पुर्ण परमेश्वर उतरे हैं भाई संत रामपाल जी महाराज

@PanchamRaikwar-bg5zr

परमात्मा साकार है व सहशरीर है |
यजुर्वेद अध्याय  5 ;मंत्र 1;6; 8;   यजुर्वेद अध्याय 1;मंत्र  15  ;यजुर्वेद अध्याय  7 ; मंत्र   39  ;  ऋग्वेद मण्डल  सूक्त   31 ;मंत्र  17 ; ऋग्वेद मण्डल 9; सूक्त 86 ; मंत्र  26;27 ;ऋग्वेद  मण्डल 9;  सूक्त  82;  मंत्र  1 ;  3 ,

@BalramDas-yd7wm

Satguru rampal ji maharaj ki jai ho

@DeepakDas-rb7eh

सत् साहेब परमात्मा

@RadhaKumari-rk6ep

जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरुद्ध भक्ति का भेद बताया है। शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्र विरुद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नर्क व चौरासी का अनुभव सदैव बना रहता है। (गीता अ.16, श्लोक 23-24)

@bhumiparmar3299

पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18

@racsharamdas9258

क्या काल का रूप इतना भयंकर है कि जिसे देखकर अर्जुन जैसा योद्धा भी कांपने लगा।